अलख पांडेय की कंपनी ने मार्केट में मचाया धमाल, ₹155 तक पहुंचा फिजिक्सवाला शेयर

फिजिक्सवाला (PhysicsWallah) का IPO स्टॉक मार्केट में धमाकेदार एंट्री के साथ खुला। ₹109 के शेयर आज ₹145 पर लिस्ट हुए जिससे निवेशकों को पहले दिन ही 35% से ज्यादा का मुनाफा मिला। इस आर्टिकल में PhysicsWallah IPO से जुड़ी सभी जानकारी पढ़ें।

फिजिक्सवाला शेयर प्राइज
फिजिक्सवाला के शेयरों की मार्केट में धांसू एंट्री
locationभारत
userअसमीना
calendar18 Nov 2025 04:16 PM
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देश की मशहूर एडुटेक कंपनी फिजिक्सवाला ने स्टॉक मार्केट में कदम रखते ही शुरुआत इतनी जोरदार की कि निवेशकों के चेहरे खिल उठे। कंपनी का IPO ₹109 के इश्यू प्राइस पर जारी हुआ था और आज जैसे ही मार्केट खुला, BSE पर इसकी लिस्टिंग ₹143.10 पर और NSE पर ₹145 पर हुई। लिस्टिंग के बाद भी शेयरों में जबरदस्त तेजी बनी रही और कीमत उछलकर ₹155 तक पहुंच गई जिससे शुरुआती निवेशकों का मुनाफा बढ़कर 42% से भी ज्यादा हो गया। कंपनी के कर्मचारियों के लिए तो यह और भी फायदेमंद सौदा साबित हुआ क्योंकि उन्हें शेयर ₹10 की छूट पर मिले थे।

IPO को बाजार से मिला-जुला रिस्पांस

फिजिक्सवाला के ₹3,480 करोड़ के इस IPO को बाजार से मिला-जुला रिस्पांस मिला था। कुल मिलाकर यह 1.92 गुना सब्सक्राइब हुआ जिसमें बड़े संस्थागत निवेशकों ने अच्छा उत्साह दिखाया जबकि नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की दिलचस्पी थोड़ी कम रही। खुदरा निवेशकों ने भी ठीक-ठाक आवेदन किए और कर्मचारियों के लिए आरक्षित हिस्सा तो काफी तेजी से भर गया। इस IPO से कंपनी को ₹3,100 करोड़ से ज्यादा की नई पूंजी मिली है जबकि ऑफर फॉर सेल के जरिए पुराने शेयरधारकों ने अपने हिस्से की बिक्री की है।

कंपनी कई बड़े प्लान्स में लगाने वाली है पैसा

IPO से मिलने वाला पैसा कंपनी कई बड़े प्लान्स में लगाने वाली है। सबसे ज्यादा ध्यान देशभर में नए ऑफलाइन और हाइब्रिड सेंटर खोलने पर दिया जाएगा। कंपनी पुराने सेंटरों के किराए और अपग्रेडेशन पर भी बड़ी रकम खर्च करेगी। इसके साथ ही जायलम और उत्कर्ष क्लासेज जैसे सहयोगी ब्रांड्स के ऑफलाइन एक्सपैंशन और लीज पेमेंट्स में भी भारी निवेश किया जाएगा। डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए कंपनी सर्वर और क्लाउड सिस्टम्स पर भी अच्छी-खासी रकम झोंक रही है, जबकि मार्केटिंग और ब्रांडिंग में ₹700 करोड़ से ज्यादा का निवेश प्लान किया गया है। अधिग्रहण और अन्य कॉर्पोरेट कामों पर भी एक बड़ी रकम का उपयोग होगा।

फिजिक्सवाला ने बेहद कम समय में बनाई बड़ी पहुंच

फिजिक्सवाला आज देश की उन टॉप एडुटेक कंपनियों में गिनी जाती है जिसने बहुत कम समय में लाखों छात्रों तक अपनी पहुंच बना ली है। कंपनी JEE, NEET और सिविल सर्विसेज जैसी बड़ी परीक्षाओं की तैयारी कराती है। इसके साथ ही डेटा साइंस, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट जैसे नए जमाने के कोर्स भी ऑफर करती है। कंपनी का एक्सपैंशन सिर्फ ऑनलाइन तक सीमित नहीं है, बल्कि देशभर में ऑफलाइन और हाइब्रिड मॉडल से भी तेजी से बढ़ रही है।

हर साल मिल रही तेज बढोतरी

हालांकि कंपनी फिलहाल घाटे में चल रही है लेकिन उसकी कमाई में हर साल तेज बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी को ₹84 करोड़ का घाटा हुआ था जो अगले साल बढ़कर ₹1,131 करोड़ तक पहुंच गया। हालांकि 2025 में यह घाटा काफी घटकर ₹243 करोड़ रह गया, जो कंपनी के लिए सकारात्मक संकेत है। इसी दौरान कंपनी का रेवेन्यू शानदार रफ्तार से बढ़ता हुआ ₹3,039 करोड़ के स्तर पर पहुंच गया है। चालू वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में भी कंपनी ने ₹905 करोड़ की इनकम हासिल की है जबकि घाटा ₹127 करोड़ के आसपास रहा। कंपनी पर कर्ज काफी कम है और रिजर्व में अच्छी-खासी रकम मौजूद है जिससे बैलेंस शीट काफी स्थिर नजर आती है।


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इतनी तेजी से क्यों गिर रहा सोने का दाम? इस वक्त सोना खरीदना रहेगा बेस्ट डिसीजन!

डॉलर की तेजी और फेड रिजर्व की नीतियों के दबाव में सोने की कीमतों में लगातार बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। सिर्फ तीन दिनों में सोना करीब ₹5800 सस्ता हो चुका है जबकि चांदी भी ₹11,000 से ज्यादा टूट गई है। MCX से लेकर ग्लोबल मार्केट तक गोल्ड–सिल्वर में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है।

क्यों सस्ता हो रहा है सोना
गोल्ड रेट में बड़ी गिरावट
locationभारत
userअसमीना
calendar18 Nov 2025 04:25 PM
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अगर आप सोना खरीदने की लम्बे समय से प्लानिंग कर रहे हैं तो ये हफ्ता आपके लिए किसी बड़े मौके और तोहफे से कम नहीं है। क्योंकि डॉलर की तगड़ी बढ़त ने गोल्ड को ऐसा झटका दिया है कि तीन दिनों में सोना लगभग ₹5800 टूट गया है। इतना ही नहीं अगर कीमतों को लाइफ टाइम हाई से तुलना करें तो सोना करीब ₹11,294 रुपये तक नीचे आ चुका है। एक घंटे के अंदर-अंदर 1900 रुपये की भारी गिरावट ने ट्रेडर्स को भी चौंका दिया।

धड़ाम-धड़ाम क्यों गिर रहा है सोने का दाम?

सोने के दामों में गिरावट की सबसे बड़ी वजह अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व की नीति और डॉलर इंडेक्स में तेज उछाल माना जा रहा है। फेड की तरफ से ब्याज दरों में कटौती टालने का फैसला दुनिया भर के मार्केट पर सीधे असर डाल रहा है। डॉलर जितना मजबूत होता है गोल्ड उतना ही कमजोर पड़ने लगता है। इसी वजह से निवेशक सोने में कम पैसा डाल रहे हैं और मार्केट में डर का माहौल बन गया है। न्यूयॉर्क से लेकर मुंबई तक हर जगह गोल्ड मार्केट इसी दबाव में दिखा।

MCX में सोना लगातार फिसला

भारतीय वायदा बाजार MCX में सोना तीसरे दिन भी भारी गिरावट में रहा। सुबह 10:15 बजे सोना ₹1,719 गिरकर ₹1,21,208 रुपये पर ट्रेड हो रहा था जबकि ट्रेडिंग के दौरान यह और फिसलकर ₹1,21,000 तक आ गया। पिछले दिन ये ₹1,22,927 पर बंद हुआ था जबकि आज का ओपनिंग प्राइस ₹1,22,121 था। लगातार तीन दिन की इस कमजोरी में सोना कुल ₹5,751 रुपये लुढ़क चुका है। बाजार की चाल देखकर साफ लगता है कि अभी गिरावट थमने का कोई संकेत नहीं है।

चांदी की भी चमक पड़ी फीकी

सोने के साथ-साथ चांदी ने भी इस बार पूरी तरह घुटने टेक दिए हैं। MCX पर चांदी आज ₹3,618 गिरकर ₹1,51,694 रुपये पर पहुंच गई और ट्रेडिंग के दौरान ये ₹1,51,250 तक नीचे आ गई। तीन दिन पहले चांदी का भाव ₹1,62,470 था यानी कुल मिलाकर ₹11,220 रुपये की गिरावट हो चुकी है। एक महीने पहले चांदी अपने लाइफ टाइम हाई ₹1,70,415 पर थी, यानी हाई से अब तक यह लगभग ₹19,165 रुपये टूट चुकी है।

विदेशी बाजारों में भी कोहराम

न्यूयॉर्क के कॉमेक्स मार्केट में गोल्ड और सिल्वर दोनों की कीमतों में बड़ा झटका लगा है। गोल्ड फ्यूचर लगभग $66 टूट गया, जबकि गोल्ड स्पॉट $36.17 की गिरावट पर रहा। सिल्वर भी पीछे नहीं रहा सिल्वर फ्यूचर $49.37 और सिल्वर स्पॉट $49.60 पर ट्रेड करते हुए गिरावट में दिखा। ग्लोबल मार्केट से मिले इन संकेतों ने भारतीय बाजार को भी नीचे धकेल दिया है।

आगे कितना और टूट सकता है सोना?

ऑगमोंट गोल्ड फॉर ऑल की रिसर्च हेड रेनिशा चैनानी ने बताया कि सोना इस समय एक बेहद महत्वपूर्ण लेवल पर खड़ा है। अगर गोल्ड $4,150 के ऊपर टिक पाता है तो इसमें फिर से तेजी आने की उम्मीद है। लेकिन अगर यह $4,050 के नीचे जाता है तो सोना सीधे $3,900 के पिछले निचले स्तर की तरफ फिसल सकता है। चांदी को लेकर उन्होंने कहा कि $54 के लेवल को छूने के बाद चांदी में जोरदार बिकवाली दिखी है। अगर यह $50 के नीचे बंद होती है तो स्थिति और खराब हो सकती है और $47 से नीचे आते ही इसका रास्ता सीधे $44 डॉलर की ओर खुल जाएगा। कुल मिलाकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि अभी गोल्ड और सिल्वर दोनों में उतार–चढ़ाव जारी रह सकता है और गिरावट का दबाव आगे भी बन सकता है।

सोना खरीदने का ये सही समय?

निवेशकों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या अब खरीदारी करनी चाहिए? मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी जल्दी फैसला न लें। कुछ दिनों तक कीमतों में और नरमी आ सकती है। अगर गोल्ड $4,050 के नीचे जाता है तब इसे खरीदने का एक बेहतरीन मौका कहा जा सकता है। फिलहाल मार्केट को थोड़ा और स्थिर होने दें और फिर अपनी जरूरत और बजट के हिसाब से कदम उठाएं।

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ग्लोबल दबाव से टूटा बाजार, वीकली एक्सपायरी पर फिसला निफ्टी

कमजोर ग्लोबल संकेतों के बीच आज भारतीय शेयर बाजार दबाव में रहा और निफ्टी वीकली एक्सपायरी के दिन 25900 के करीब फिसल गया। इंफोसिस, रिलायंस, ICICI बैंक और L&T जैसे हैवीवेट शेयरों ने बाजार पर भारी असर डाला जबकि रियल्टी और मेटल सेक्टर सबसे ज्यादा टूटे।

ग्लोबल दबाव में लड़खड़ाया भारतीय बाजार
वीकली एक्सपायरी पर कमजोर हुआ बाजार
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userअसमीना
calendar18 Nov 2025 04:17 PM
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आज का शेयर बाजार ( Share Market) बिल्कुल रोलर-कोस्टर की तरह रहा। सुबह से ही ग्लोबल मार्केट्स (Global Markets) का प्रेशर भारतीय मार्केट पर साफ दिखा और निफ्टी वीकली एक्सपायरी के दिन अच्छे खासे दबाव में नजर आया। ओपनिंग के बाद से ही निफ्टी ढलान पर चला गया और 100 प्वाइंट से ज्यादा गिरकर करीब 25,900 के लेवल पर ट्रेड करता दिखा।

बिगड़ा मार्केट का मूड

इंफोसिस, रिलायंस, ICICI बैंक और L&T जैसे हैवीवेट्स की कमजोरी ने ओवरऑल मार्केट का मूड और बिगाड़ दिया। वहीं बैंक निफ्टी पूरे दिन लगभग फ्लैट ही घूमता रहा। मिडकैप और स्मॉलकैप में भी हल्की कमजोरी बनी रही। रियल्टी और मेटल जैसे सेक्टर तो सबसे ज्यादा टूटे दोनों इंडेक्स लगभग 1.5% तक फिसल गए। वेदांता, हिंदुस्तान जिंक और SAIL में दो से तीन परसेंट की तेज गिरावट ने मेटल सेक्टर को और नीचे धकेला। आईटी, FMCG और फार्मा भी आज राहत देने की बजाय बाजार का साथ छोड़ते दिखे।

निफ्टी के लिए सपोर्ट लेवल

SAMCO सिक्योरिटीज के डेरिवेटिव्स रिसर्च एनालिस्ट धूपेश धमेजा का कहना है कि अभी बाजार में जो गिरावट दिख रही है, वह ग्लोबल संकेतों की वजह से है लेकिन निफ्टी के लिए 25,850–25,780 एक बहुत अहम सपोर्ट जोन है। धमेजा के मुताबिक अगर निफ्टी इस बैंड के ऊपर टिकता है तो ओवरऑल ट्रेंड अब भी पॉजिटिव माना जाएगा। यानी हल्की गिरावट के बावजूद ट्रेंड बुल्स के फेवर में है।

क्या है एक्सपर्ट की राय?

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने बाजार की चाल पर अपनी राय देते हुए कहा कि ग्लोबल कमजोरी के बीच यह तीन चीजें भारतीय मार्केट को संभाले हुए हैं। पहली, व्हाइट हाउस की ओर से आया संकेत कि अमेरिका, भारत के साथ ट्रेड डील के काफी करीब है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था और मार्केट दोनों के लिए बड़ा पॉजिटिव है। दूसरी, दुनिया भर में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का क्रेज थोड़ा कम हो रहा है जो भारत जैसे उभरते बाजार के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि ऐसा माहौल भारतीय कंपनियों के लिए नए अवसर बनाता है। तीसरी और सबसे अहम घरेलू फंडामेंटल्स बेहद मजबूत हो रहे हैं। इकोनॉमिक ग्रोथ ज्यादा है और कंपनियों की कमाई भी लगातार बेहतर दिख रही है। विजयकुमार का कहना है कि विदेशी निवेशक भले ही हाल-फिलहाल नेट बॉयर बने हैं लेकिन इसे अभी ट्रेंड मानना जल्दबाजी होगी। GST में कटौती की उम्मीदों ने कंजम्पशन सेक्टर को थोड़ा उत्साह दिया है लेकिन बाजार को लगातार टिकाए रखने के लिए कंजम्पशन का मजबूत रहना बहुत जरूरी होगा।

18 नवंबर के लिए ट्रेंड क्या कहता है?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक यदि बाजार में मजबूत डायरेक्शनल मूव देखना है, तो ट्रेडर्स को दो चीजों पर खास नजर रखनी होगी, 26,000 CE पर शॉर्ट कवरिंग शुरू होती है या नहीं, 25,900/25,950 के आसपास फ्रेश पुट राइटिंग आती है या नहीं। इन दोनों स्तरों पर एक्टिविटी से ट्रेंड साफ तय होगा कि अगली चाल ऊपर की ओर है या बाजार अभी और कूल-डाउन मोड में रहेगा। कुल मिलाकर, मोमेंटम अभी भी बुल्स के पक्ष में दिख रहा है। डेरिवेटिव डेटा, वोलैटिलिटी और कंजम्प्शन से जुड़ी उम्मीदें अभी भी बाजार को मजबूती दे रही हैं।

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