दिल्ली में दो सीआरपीएफ स्कूलों और तीन अदालतों को मिली बम की धमकी, मचा हड़कंप

स्कूलों को तुरंत खाली कराया गया। बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वॉड ने पूरे परिसर की गहन जांच की। लगभग एक घंटे तक चली तलाशी के बाद कोई भी संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, जिसके बाद अधिकारियों ने इस धमकी को झूठा करार दिया।

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बम की सूचना पर स्कूल पहुंची पुलिस फोर्स
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar27 Nov 2025 04:30 PM
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मंगलवार सुबह राजधानी में एक बार फिर बम धमकी की अफवाहों ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया। दिल्ली के प्रशांत विहार और द्वारका स्थित दो सीआरपीएफ स्कूलों को करीब सुबह 9 बजे ई-मेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिली। सूचना मिलते ही स्कूल प्रशासन ने तुरंत पुलिस और अग्निशमन विभाग को सूचना दी। 

स्कूलों में चला तलाशी अभियान

अग्निशमन दल, स्थानीय पुलिस और बम निरोधक दस्ता तुरंत दोनों स्कूलों में पहुँचे। स्कूलों को तुरंत खाली कराया गया। बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वॉड ने पूरे परिसर की गहन जांच की। लगभग एक घंटे तक चली तलाशी के बाद कोई भी संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, जिसके बाद अधिकारियों ने इस धमकी को झूठा करार दिया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों स्कूलों में पूरी तरह से जांच की गई। कहीं भी कोई विस्फोटक या संदिग्ध चीज नहीं मिली, यह धमकी फर्जी थी।

तीन अदालतों को भी धमकी, साकेत कोर्ट खाली कराया गया

इसी बीच, दिल्ली की तीन प्रमुख अदालतों साकेत, रोहिणी और पटियाला हाउस कोर्ट को भी बम धमकी मिलने की सूचना मिली। 

साकेत कोर्ट में बम की सूचना मिलते ही अफरा-तफरी मच गई। धमकी की सूचना मिलते ही साकेत कोर्ट परिसर को तुरंत खाली कराया गया। आसपास के इलाकों को भी एहतियातन घेर लिया गया। भारी संख्या में पुलिस बल के साथ बम निरोधक दस्ता और खोजी कुत्ते मौके पर भेजे गए। सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे परिसर को कई घंटों तक खंगाला। शुरूआती जांच में यहाँ भी कोई विस्फोटक नहीं मिला।

रोहिणी और पटियाला हाउस कोर्ट में भी एक साथ तलाशी अभियान चलाया गया। सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि यह धमकी भी ई-मेल के माध्यम से मिली थी।

लगातार बढ़ रही झूठी धमकियाँहाल के महीनों में दिल्ली में स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर कई झूठी बम धमकियाँ मिल चुकी हैं, जिनसे सुरक्षा एजेंसियों को हर बार बड़े पैमाने पर आॅपरेशन चलाना पड़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामले अक्सर डर फैलाने, अफवाह फैलाने या सिस्टम को परेशान करने के उद्देश्य से किए जाते हैं। हालांकि ये सभी सूचनाएं फर्जी निकली लेकिन कोई चूक न हो इसको लेकर पुलिस और सुरक्षा दस्तों ने पूरी तरह से सतर्कता को अपनाते हुए तलाशी अभियान चलाया।


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आईआईटीएम में ज्ञान का महाकुंभ, देशभर के शोधार्थियों ने रखे नए आयाम

आईआईटीएम ने आईसीएसएसआर के सहयोग से मीडिया, प्रबंधन और तकनीक के संगम पर आधारित दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस का सफल आयोजन किया। देशभर के शोधार्थियों, प्रोफेसरों और विशेषज्ञों ने विकसित भारत 2047, नवाचार, स्टार्टअप, शिक्षा नीति, सतत विकास और सामाजिक परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार साझा किए।

आईआईटीएम में उभरी नई सोच
विकसित भारत 2047 की ओर बढ़ता कदम
locationभारत
userअसमीना
calendar18 Nov 2025 02:15 PM
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भारत 2047 के सपनों की दिशा में देश लगातार आगे बढ़ रहा है। इसी सोच को आगे ले जाते हुए इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (IITM) ने इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च (ICSSR) के सहयोग से 13–14 नवंबर 2025 को एक शानदार दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस कॉन्फ्रेंस का विषय था, “Synergizing Media, Management and Technology: Driving Integrity, Innovation and Entrepreneurship for Viksit Bharat @ 2047”। दो दिनों तक चले इस ज्ञान–उत्सव में देशभर से आए शोधकर्ताओं, प्रोफेसरों और विषय विशेषज्ञों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और नई सोच, नए विचार तथा विकसित भारत के भविष्य पर सार्थक चर्चा की।

कैसे हुई कॉन्फ्रेंस की शुरुआत?

कॉन्फ्रेंस की शुरुआत IITM के सभागार में दीप प्रज्वलन के साथ हुई। निदेशक प्रो. (डॉ.) रचिता राणा, मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश, प्रो. (डॉ.) बंदना झा, प्रो. (डॉ.) ए.के. सैनी, और कॉन्फ्रेंस संयोजक प्रो. (डॉ.) विकास भरारा एवं प्रो. (डॉ.) गोपाल सिंह लटवाल ने मंच की शोभा बढ़ाई। निदेशक प्रो. रचिता राणा ने अपने संबोधन में भारत के लोकतंत्र के चार स्तंभों पर बात करते हुए मीडिया की अहम भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए तकनीक, समावेशी सोच और सतत विकास को अपनाना जरूरी है।

विकसित भारत 2047

कॉन्फ्रेंस संयोजक प्रो. (डॉ.) विकास भरारा ने गांधी जी के प्रसिद्ध वाक्य “आप खुद वो बदलाव बनो जो दुनिया में देखना चाहते हैं” से अपनी बात शुरू की। उन्होंने बताया कि स्टार्टअप्स, नवाचार और नई पीढ़ी की ऊर्जा भारत के विकास की रीढ़ हैं। प्रो. बंदना झा ने कहा कि विकसित भारत के लिए हर नागरिक, हर क्षेत्र और हर समुदाय की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने उत्तर-पूर्व और जनजातीय भाषाओं के संरक्षण पर भी विशेष बल दिया।

बदलते भारत की तस्वीर

प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश ने कहा कि विकसित भारत सिर्फ उद्योगों में तरक्की नहीं बल्कि सर्वांगीण विकास का प्रतीक है। उन्होंने सामाजिक सुरक्षा, शिक्षा नीति और समाज में आए सकारात्मक बदलावों पर चर्चा की। प्रो. (डॉ.) ए.के. सैनी ने अखंडता और मूल्य-आधारित समाज को विकसित भारत की असली आवश्यकता बताया। उन्होंने कहा कि मशीनें सब कुछ नहीं दे सकतीं लेकिन मानवीय गुण समाज को बेहतर बनाते हैं।

शोध, विचार और नए समाधान

कॉन्फ्रेंस में कुल चार तकनीकी सत्र आयोजित हुए जिनमें देशभर से आए शोधार्थियों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके से अपने शोध प्रस्तुत किए।

पहले दिन दो और दूसरे दिन दो सत्र हुए जहां मीडिया, तकनीक, प्रबंधन, नवाचार, उद्यमिता और सामाजिक बदलाव जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई।

समापन से पहले नए विचारों की उड़ान

मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) दुर्गेश त्रिपाठी ने मीडिया, मैनेजमेंट और टेक्नोलॉजी के बीच “कोलैबोरेटिव इंटेलिजेंस” की जरूरत पर बात की। उन्होंने कहा कि जेन Z और जेन अल्फा को सही दिशा देना समय की मांग है। ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी से आए प्रो. (डॉ.) सचिन कुमार मंगला ने सतत विकास, नवाचार और पर्यावरण-अनुकूल प्रगति को देश के भविष्य के लिए आवश्यक बताया।

विकसित भारत @ 2047: दस बिंदुओं पर नई सोच

प्रो. (डॉ.) के. श्रीनिवास ने विकसित भारत के दस प्रमुख स्तंभों, सत्यनिष्ठा, रणनीतिक प्रबंधन, सुशासन, भविष्य-उन्मुख स्किल्स, नैतिक तकनीक और नवाचार संस्कृति पर अपने विचार रखे। इन विचारों ने युवाओं और शोधार्थियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। कॉन्फ्रेंस के अंत में बेस्ट पेपर प्रेजेंटर को सम्मानित किया गया। आयोजन समितियों के सभी सदस्यों और स्टूडेंट वॉलंटियर्स को ‘टोकन ऑफ एप्रिसिएशन’ और सर्टिफिकेट देकर प्रोत्साहित किया गया। ICSSR के पूर्व निदेशक मि. आर.के. गुप्ता ने देश के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डाला और शोध संस्कृति को आगे बढ़ाने की आवश्यकता बताई।

कड़ी मेहनत और टीमवर्क से बनी सफल कहानी

इस कॉन्फ्रेंस की सफलता के पीछे कई टीमों की मेहनत थी फाइनेंस, पब्लिकेशन, मैनेजमेंट, रिसेप्शन, टेक्निकल, मीडिया कवरेज, हॉस्पिटैलिटी, ट्रांसपोर्ट, डेकोरेशन, सर्टिफिकेट, सोशल मीडिया और फोटोग्राफी सभी ने अपनी–अपनी जिम्मेदारियां बेहतरीन ढंग से निभाईं। IITM के विद्यार्थियों ने भी पूरे इवेंट को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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उत्तम नगर में ई-रिक्शा से सफर करना हुआ खतरनाक

पश्चिम दिल्ली के उत्तम नगर क्षेत्र में ई-रिक्शा से जुड़ी लूट और जबरन वसूली की घटनाओं में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है। दैनिक सफर करने वाले यात्री अब दहशत में हैं और मजबूरी में जोखिम उठाकर यात्रा कर रहे हैं।

E-rickshaw in Uttam Nagar Delhi
पश्चिम दिल्ली उत्तम नगर ई-रिक्शा (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar18 Nov 2025 02:42 PM
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स्थानीय लोगों के अनुसार कई ई-रिक्शा चालक उत्तम नगर पूर्व–पश्चिम से लेकर द्वारका मोड़ तक की पूरी दूरी की सवारी का दावा कर पहले ही पूरा किराया ले लेते हैं। लेकिन मंज़िल तक छोड़ने के बजाय वे यात्रियों को नवादा मेट्रो स्टेशन के आसपास आधे रास्ते में उतारकर आगे बढ़ने के लिए अतिरिक्त पैसा मांगने लगते हैं। विरोध करने पर चालक यात्रियों को धमकाते हैं और रिक्शे में बैठी कुछ कथित “सवारियाँ” जो वास्तव में उनके ही साथी बताए जा रहे हैं भी मिलकर दबाव बनाती हैं।

महिलाएँ, छात्र और बुज़ुर्ग सबसे ज्यादा परेशान

दैनिक यात्रियों का कहना है कि इस घटनाक्रम से सबसे अधिक प्रभावित महिलाएँ, छात्र, ऑफिस जाने वाले लोग और बुज़ुर्ग हैं। कई यात्रियों ने बताया कि धमकियों और बहसबाजी से बचने के लिए उन्हें मजबूरन अतिरिक्त पैसे देने पड़ते हैं।

स्थानीय लोगों ने जताई गहरी चिंता

क्षेत्र में बढ़ती इस तरह की घटनाओं को लोग गैंग-जैसी गतिविधि बताते हुए चिंता जता रहे हैं। उनका कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो ई-रिक्शा से यात्रा करना पूरी तरह असुरक्षित हो जाएगा।

पुलिस व ट्रैफिक विभाग से कार्रवाई की मांग

स्थानीय निवासियों ने पुलिस और ट्रैफिक विभाग से कड़ी निगरानी, सख़्त चेकिंग और ऐसे चालकों पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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