जीवन में सच्चा सुख तथा आनंद लेने का सबसे बेहतरीन तरीका

हर इंसान अपने जीवन में सुख तथा आनंद लेना चाहता है। सुख तथा आनंद लेने के अनेक तरीके भी आजमाए जाते हैं। देखने में आता है कि अनेक तरीके अपनाकर कुछ समय के लिए सुख तथा आनंद मिल जाता है। थोड़े से समय के लिए मिले सुख तथा आनंद के बाद फिर नए सिरे से सुख तथा आनंद की खोज शुरू होती है।

जीवन को खुशहाल बनाने के तरीके
जीवन को खुशहाल बनाने के तरीके
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar18 Nov 2025 04:07 PM
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हर इंसान अपने जीवन में सुख तथा आनंद लेना चाहता है। सुख तथा आनंद लेने के अनेक तरीके भी आजमाए जाते हैं। देखने में आता है कि अनेक तरीके अपनाकर कुछ समय के लिए सुख तथा आनंद मिल जाता है। थोड़े से समय के लिए मिले सुख तथा आनंद के बाद फिर नए सिरे से सुख तथा आनंद की खोज शुरू होती है। क्या यह अच्छा हो कि आपको वास्तव में सच्चा सुख तथा आंनद मिल जाए। जीवन में सच्चा सुख तथा सच्चा आनंद लेने के लिए हम आपको बहुत ही आसान तरीका बता रहे हैं।

यह छोटी सी घटना पढक़र आप भी प्राप्त कर सकते हैं सच्चा सुख तथा आनंद

यह घटना प्रीति श्रीवास्तव नामक एक महिला के साथ घटी है। प्रीति बताती हैं कि- मेरे पास एक स्कूटी थी, बहुत दिनो से स्कूटी का उपयोग नही होने से, विचार आया Olx पे बेच दें, कीमत Rs 30000/- डाल दी। बहुत आफर आये 15 से 28 हजार तक। एक का 29000 का प्रस्ताव आया। उसे भी waiting में रखा। कल सुबह एक काल आया, उसने कहा-"मैडम नमस्कार , आपकी गाड़ी का add देखा। पसंद भी आयी है।परंतु 30000 रुपए जमा करने का बहुत प्रयत्न किया, बड़ी मुश्किल से 24000 ही इकठ्ठा कर पाया हूँ। बेटा इंजिनियरिंग के अंतिम वर्ष में है। बहुत मेहनत किया है उसने। कभी पैदल, कभी साईकल, कभी बस, कभी किसी के साथ....

सोचा अंतिम वर्ष तो वह अपनी गाड़ी से ही जाये। आप कृपया स्कूटी मुझे ही दीजिएगा....

नयी गाड़ी मेरी हैसियत से बहुत ज्यादा है। थोड़ा समय दीजिए। मै पैसों का इंतजाम करता हूँ। मोबाइल बेच कर कुछ रुपये मिलेंगें। परंतु हाथ जोड़कर कर निवेदन है मैडम जी, मुझे ही दीजिएगा।" मैने औपचारिकता में मात्र Ok बोलकर फोन रख दिया। कुछ देर बाद मेरे मन मे कुछ विचार आये। वापस काल बैक किया और कहा "आप अपना मोबाइल मत बेचिए, कल सुबह केवल 24 हजार लेकर आईए, गाड़ी आप ही ले जाईए वह भी मात्र 24 में ही"। मेरे पास 29 हजार का प्रस्ताव होने पर भी 24 में किसी अपरिचित व्यक्ति को मै स्कूटी देने जा रही थी। सोचा उस परिवार में आज कितना आनंद हुआ होगा। कल उनके घर स्कूटी आएगी और मुझे ज्यादा नुकसान भी नहीं हो रहा था। ईश्वर ने बहुत दिया है और सबसे बडा धन समाधान है जो कूट-कूटकर दिया है।

अगली सुबह उसने कम से कम 6-7 बार फोन किया?

"मैडम कितने बजे आऊ, आपका समय तो नही खराब होगा। पक्का लेने आऊं, बेटे को लेकर या अकेले आऊ। पर साहब गाडी किसी को और नही दीजिएगा।" वह 500, 200, 100, 50 के नोटों का संग्रह लेकर आया, मगर साथ में बेटा नहीं एक लड़की थी । नोट देखकर ऐसा लगा, पता नही कहां कहां से निकाल कर या मांग कर या इकठ्ठा कर यह पैसे लाया है।

वह लड़की एकदम आतुरता और कृतज्ञता से स्कूटी को देख रही थी । मैने उसे दोनो चाबियां दी, हेलमेट और कागज दिये। लड़की गाड़ी पर विनम्रतापूर्वक हाथ फेर रही थी । फिर स्कूटी पर बैठ गयी , उसकी खुशी देखते ही बनती थी । उसने पैसे गिनने कहा, मैने कहा आप गिनकर ही लाये है, कोई दिक्कत नहीं। जब जाने लगे, तो मैने उन्हे 500 का एक नोट वापस करते हुए कहा , घर जाते समय मिठाई लेते जाइएगा।मेरी सोंच यह थी कि कही तेल के पैसे है या नही। और यदि है तो मिठाई और तेल दोनो इसमें आ जायेंगे आँखों में कृतज्ञता के आंसु लिये उसने मुझसे अनुमति मांगी , मैं ने जाते हुए उससे पूछा कि ये बिटिया कौन है ?

तो उसने उत्तर दिया कि यही तो मेरा बेटा है?.

उसने विदा ली और अपनी स्कूटी ले गया। जाते समय बहुत ही आतुरता और विनम्रता से झुककर अभिवादन किया। बार बार आभार व्यक्त किया ।दोस्तों, जीवन में कुछ व्यवहार करते समय नफा नुकसान नहीं देखना चाहिए। आपके माध्यम से किए गए प्रयास से जब दूसरों को सच्चा सुख तथा आनंद मिलता है तो आपको भी सच्चा सुख तथा आनंद अपने आप ही मिल जाता है।


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अरबों की ठगी करने वाले बिल्डरों के लिए चाहिए कठोर कानून

ठगी करके अरबों रुपय कमाने के बाद ठग बिल्डर अपने आपको तथा अपनी कम्पनी को दिवालिया घोषित कर देते हैं। दिवालिया घोषित हो जाने के बाद ठग किस्म के बिल्डर जीवन भर मौज-मस्ती करते रहते हैं। इन ठग बिल्डरों के हाथों ठगे जाने वाले आम नागरिक तथा बैंक परेशान घूमते रहते हैं।

 धोखाधड़ी
फ्रॉड बिल्डर्स की धोखाधड़ी
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar18 Nov 2025 03:34 PM
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उत्तर प्रदेश के नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा से लेकर देश भर में ठगी करने वाले हजारों बिल्डर मौज कर रहे हैं। ठगी करके अरबों रुपय कमाने के बाद ठग बिल्डर अपने आपको तथा अपनी कम्पनी को दिवालिया घोषित कर देते हैं। दिवालिया घोषित हो जाने के बाद ठग किस्म के बिल्डर जीवन भर मौज-मस्ती करते रहते हैं। इन ठग बिल्डरों के हाथों ठगे जाने वाले आम नागरिक तथा बैंक परेशान घूमते रहते हैं। केन्द्र सरकार ने ठगी करने वाले बिल्डरों से निपटने के लिए एक नई पहल की है।

केन्द्र सरकार की पहल स्वागत योग्य है

यह स्वागतयोग्य है कि ED अर्थात प्रवर्तन निदेशालय ईसाल्वेंसी और बैंकरप्सी बोर्ड के साथ मिलकर ऐसी व्यवस्था करने जा रहा है, जिससे दीवालिया बिल्डरों और उनके प्रवर्तकों की जब्त की गई संपत्तियों से फ्लैट खरीदारों और बैंकों को राहत दी जा सके। ED की ओर से इस संदर्भ में जो मानक संचालन प्रक्रिया बनाई जा रही है, उससे यह स्पष्ट हो रहा है कि उसके दायरे में बिल्डरों की जब्त संपत्तियां ही आएंगी। अच्छा हो कि इस प्रक्रिया के दायरे में वे दीवालिया कंपनियां और उनके प्रवर्तक भी आएं, जो बैंकों या बाजार से पैसा लेकर किसी भी तरह की धोखाधड़ी के आरोपित हैं। ऐसे आरोपितों की, बड़ी संख्या है। इनमें वे घोटालेबाज भी शामिल हैं, जो अपने कारोबार को विस्तार देने के नाम पर बैंकों से बड़ा लोन लेकर उसे हड़प गए। आम लोगों और बैंकों से पैसा लेकर उसे हजम कर जाने वालों की संपत्तियों को जब्त कर लेना इसलिए पर्याप्त नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इतने मात्र से पीडि़त पक्षों को कोई लाभ नहीं मिलता। दीवालिया कंपनियों और कारोबारियों की जब्त संपत्ति को लेकर जो वैधानिक कार्रवाई शुरू की जाती है, वह आमतौर पर लंबी खिंचती है। इस दौरान पीडि़त पक्ष परेशान होते रहते हैं, क्योंकि अभी नियम यह है कि मामले का निपटारा होने तक जब्त संपत्ति को बेचा नहीं जा सकता। इसका बुरा असर बैंकों, निवेशकों और आम लोगों पर पड़ता है। इसका कोई मतलब नहीं कि घोटालेबाजों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तो शुरू हो जाए, लेकिन उनकी हजारों करोड़ रुपये की जब्त संपत्ति अनुप्रयुक्त पड़ी रहे। 

पीड़ि खरीददारों को जल्दी मिले इंसाफ

केन्द्र सरकार के वर्तमान प्रयास से भी ज्यादा जरूरी यह है कि ठगी करने वाले बिल्डरों के कारण ठगी का शिकार बने नागरिकों को जल्दी से जल्दी इंसाफ मिलने की व्यवस्था होनी चाहिए। न्याय का तकाजा यह कहता है कि घपले-घोटाले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के साथ ही पीडि़तों को यथाशीघ्र राहत देने की भी कोई व्यवस्था हो। बैंक तो तब भी घोटाले में डूबी रकम वापस पाने की प्रतीक्षा कर सकते हैं, लेकिन आम लोग ऐसा नहीं कर सकते। इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि बड़ी संख्या में ऐसे बिल्डर हैं, जिन्होंने लाखों लोगों को उनके घर का सपना दिखाकर उनके साथ ठगी की। इनमें से अनेक बिल्डरों ने फ्लैट खरीदारों के साथ बैंकों को भी ठगा। अच्छा होगा कि केंद्र सरकार अपनी विभिन्न एजेंसियों के बीच ऐसा समन्वय कायम करे, जिससे बिल्डरों, के साथ-साथ अन्य दीवालिया कंपनियों के मामलों में फंसे अरबों रुपये की वसूली का रास्ता खुले। इसी के साथ ऐसे भी उपाय करने होंगे, जिससे जानबूझकर दीवालिया होने के तौर-तरीकों पर लगाम लगे। कई मामलों में यह देखने में आया है कि घोटालेबाज दीवालिया होने और इस कारण अपनी संपत्ति की जब्ती के बाद भी पहले की तरह ठाठ से रहते हैं। एक समस्या यह भी है कि ऐसे लोगों के मामलों का निपटारा होने में बहुत अधिक समय लगता है।

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पूरी दुनिया के लिए बड़ा संकेत है जोहरान ममदानी की जीत

न्यूयॉर्क शहर के मेयर की चुनावी जंग में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सार्वजनिक तौर पर विरोध जताने के बावजूद डेमोक्रेट्स प्रत्याशी जोहरान ममदानी की जीत महज चुनावी जीत नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संकेत है। यह ट्रंप के लिए। तो झटका खैर है ही, मतदान के नतीजे यह सवाल भी उठाते हैं कि

Zohran Mamdani
ज़ोहरान मामदानी
locationभारत
usertest
calendar18 Nov 2025 12:37 AM
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अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर के मेयर के चुनाव के नतीजे से बड़े संकेत मिल रहे हैं। अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर को पूरी दुनिया की वित्तीय राजधानी भी कहा जाता है। न्यूयॉर्क शहर अमेरिका का सबसे बड़ा शहर है। न्यूयॉर्क शहर में हुए मेयर के चुनाव में डेमोक्रेटिव पार्टी के प्रत्याशी जोहरान ममदानी चुनाव जीत गए हैं। स्वभाविक तौर पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने न्यूयॉर्क के मेयर के चुनाव में जोहरान ममदानी को चुनाव हराने के लिए भरपूर ताकत लगाई थी। दुनिया के सबसे ताकतवर राष्ट्रपति के खुले विरोध के बावजूद जोहरान ममदानी ने शानदार जीत दर्ज करके पूरी दुनिया को बड़े संकेत दिए हैं।

 न्यूयॉर्क शहर के पहले मुस्लिम मेयर बने हैं जोहरान ममदानी

 न्यूयॉर्क शहर के मेयर की चुनावी जंग में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सार्वजनिक तौर पर विरोध जताने के बावजूद डेमोक्रेट्स प्रत्याशी जोहरान ममदानी की जीत महज चुनावी जीत नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संकेत है। यह ट्रंप के लिए। तो झटका खैर है ही, मतदान के नतीजे यह सवाल भी उठाते हैं कि क्या शहर की विविधता भरी आबादी वाकई अब पारंपरिक राजनीति के सूत्रों से ऊब चुकी है, या फिर यह पहले से धु्रवीकृत अमेरिका में एक अलग तरह के धु्रवीकरण का प्रतीक है। ममदानी, जो खुद युगांडा में जन्में भारतीय मूल के मुस्लिम प्रवासी हैं, ने एंड्रयू कुओमो और रिपब्लिकन उम्मीदवार कर्टिस स्लिवा को जिस ढंग से हराया, कम से कम उससे तो यही लगता है। चुनाव बोर्ड के अनुसार, बीस लाख से अधिक न्यूयॉर्कवासियों ने चुनाव में मतदान किया, जिससे यह 1969 के बाद से शहर में मेयर पद के लिए सबसे अधिक मतदान वाला चुनाव बन जाता है। न्यूयॉर्क शहर में करीब 48 फीसदी ईसाई और 11 फीसदी यहूदी हैं। यहां मुस्लिम भी नौ फीसदी हैं, जो अमेरिका में सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी का घर है। कहा जाता है कि 9/11 के बाद के इस्लामोफोबिया की विरासत से यह शहर अब तक उबर नहीं सका है। यहां आज तक कोई मुस्लिम मेयर रहा भी नहीं। इसके बावजूद अगर ममदानी को जीत मिली है, तो यह केवल उनकी व्यक्तिगत जीत्त नहीं, बल्कि उनकी सुविचारित मुहिम की जीत अधिक लगती है।

 समाजवादी प्रगतिशील छवि बनी जीत का कारण 

आपको बता दें कि न्यूयॉर्क के मेयर बने जोहरान ममदानी खुद को प्रगतिशील कहते हैं, और न्यूयॉर्क की युवा तथा अल्पसंख्यक आबादी ने उनके इस एजेंडे को हाथों हाथ लिया। अपनी लोकप्रियता को बढ़ाने में उन्होंने अपनी मुस्लिम पहचान और समाजवादी लहजे का भी भरपूर सहारा लिया। न्यूयॉर्क में करीब 70 हजार बेघर लोग हैं। ऐसे में सस्ती और आसान जिंदगी, मुफ्त सेवाओं और सामाजिक न्याय के वायदों ने लोगों को उनकी ओर झुकाया। उन्होंने अमेरिका के सबसे महंगे शहर में सामाजिक कार्यक्रमों का विस्तार करने का वादा किया, तो धनी और बड़ी कंपनियों पर कर लगाकर अपने प्रस्तावों के लिए पैसे जुटाने की उनकी योजना ने उन्हें शहर के अरबपतियों के बीच बेहद अलोकप्रिय बना दिया। इसमें संदेह नहीं कि ट्रंप प्रशासन उनके लिए मुश्किलें पैदा करेगा। ऐसे में सवाल उठता है कि ममदानी अपनी महत्वाकांक्षी मुफ्त योजनाओं के लिए पैसा कहां से लाएंगे। अमेरिका के सबसे बड़े शहर के स्थानीय निकाय का चुनाव कुछ ऐसा हो गया था कि पूरी दुनिया की निगाहें इस पर टिकी थीं। लिहाजा एक मेयर के तौर पर ममदानी की राह आसान नहीं होने वाली, क्योंकि उनकी कामयाबियां और नाकामयाबियां भी उतनी ही बारीकी से परखी जाएंगी।