AFCAT-1 2026: एयरफोर्स में ऑफिसर भर्ती शुरू, युवाओं के पास सुनहरा मौका!
AFCAT-1 2026 के लिए भारतीय वायु सेना ने आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। फ्लाइंग और ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं में ऑफिसर भर्ती का सुनहरा मौका, आखिरी तारीख 14 दिसंबर 2025। ट्रेनिंग, वेतन और चयन प्रक्रिया की पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें।

भारतीय वायु सेना ने आज 17 नवंबर 2025 से AFCAT-1 2026 के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। देशभर के उन युवाओं में खास उत्साह देखा जा रहा है जो फ्लाइंग ऑफिसर या ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं में अफसर बनकर वायु सेना का हिस्सा बनने का सपना देखते हैं। आधिकारिक पोर्टल afcat.edcil.co.in पर रजिस्ट्रेशन लिंक सक्रिय कर दिया गया है और उम्मीदवार 14 दिसंबर 2025 तक आवेदन जमा कर सकते हैं। AFCAT देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है, जो न केवल बेहतर करियर का अवसर देती है बल्कि अनुशासन, गौरव और सम्मान से भरा जीवन भी प्रदान करती है।
AFCAT 2026 में फ्लाइंग और ग्राउंड ड्यूटी दोनों शाखाओं में भर्ती
इस बार जारी नोटिफिकेशन में भारतीय वायु सेना ने फ्लाइंग ब्रांच, ग्राउंड ड्यूटी (टेक्निकल) और ग्राउंड ड्यूटी (नॉन-टेक्निकल) शाखाओं में आवेदन आमंत्रित किए हैं। इसके साथ ही NCC स्पेशल एंट्री के माध्यम से फ्लाइंग ब्रांच के लिए अलग कोटा निर्धारित किया गया है, जिसमें कुल सीटों के 10 प्रतिशत को CDSE और AFCAT दोनों वैकेंसी के साथ जोड़ा जाता है। इससे योग्य उम्मीदवारों को एयरफोर्स में शामिल होने का अतिरिक्त मौका मिलता है।
डिंडिगुल एयरफोर्स एकेडमी में होगी ट्रेनिंग
AFCAT के जरिए चयनित होने वाले उम्मीदवारों की ट्रेनिंग हैदराबाद स्थित प्रसिद्ध डिंडिगुल एयरफोर्स एकेडमी में की जाएगी। ट्रेनिंग सत्र के दिसंबर 2026 के आखिरी सप्ताह या जनवरी 2027 के पहले सप्ताह से शुरू होने की उम्मीद है। यह ट्रेनिंग भारतीय वायु सेना के मानकों, अनुशासन और उच्च स्तर की स्किल डेवलपमेंट पर आधारित होती है।
ट्रेनिंग के दौरान मिलेगा आकर्षक स्टाइपेंड
ट्रेनिंग अवधि में फ्लाइंग कैडेट्स को 56,100 रुपये प्रति माह स्टाइपेंड दिया जाएगा। ट्रेनिंग पूरा करने के बाद ऑफिसर रैंक पर शुरुआती वेतन 56,100 से 1,77,500 रुपये के बीच होता है, जिसमें विभिन्न भत्ते और सैन्य सेवाओं के लाभ शामिल हैं। आकर्षक वेतन और बेहतर करियर ग्रोथ के कारण विद्यार्थी AFCAT परीक्षा को प्राथमिकता देते हैं।
AFCAT-1 2026 के लिए आवेदन प्रक्रिया
AFCAT-1 2026 का आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन स्वीकार किया जा रहा है। उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना विवरण भरना है, दस्तावेज़ अपलोड करने हैं और शुल्क जमा कर आवेदन को पूरा करना है। आवेदन जमा करते ही रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी हो जाती है। एयरफोर्स ने आवेदन प्रक्रिया को इस तरह डिजाइन किया है कि नए उम्मीदवार भी इसे आसानी से पूरा कर सकें।
चयन प्रक्रिया में होंगे तीन मुख्य चरण
फ्लाइंग ऑफिसर बनने की इच्छा रखने वाले उम्मीदवारों को तीन चरणों की चयन प्रक्रिया से गुजरना होगा। पहले चरण में लिखित परीक्षा शामिल है, जिसके बाद चयनित उम्मीदवारों को Air Force Selection Board (AFSB) में दो-स्तरीय टेस्ट देने होते हैं। अंतिम चरण में मेडिकल फिटनेस टेस्ट शामिल है। इन सभी चरणों में प्रदर्शन के आधार पर अंतिम ऑल इंडिया मेरिट लिस्ट जारी की जाती है।
AFCAT-1 2026 क्यों है खास
इस साल की भर्ती इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि एयरफोर्स ने पे-स्केल, भत्तों और ट्रेनिंग सुविधाओं में सुधार किए हैं, जिससे यह करियर युवाओं के लिए और भी आकर्षक बन गया है। फ्लाइंग ब्रांच में प्रतिस्पर्धा बढ़ने के बावजूद NCC एंट्री से योग्य उम्मीदवारों के लिए अतिरिक्त अवसर उपलब्ध हुए हैं। साथ ही टेक्निकल और नॉन-टेक्निकल दोनों ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं में अच्छी संख्या में पद हैं, जिससे विज्ञान, इंजीनियरिंग और अन्य पृष्ठभूमि के विद्यार्थी भी भारतीय वायु सेना में अफसर बनने का मौका पा सकते हैं।
भारतीय वायु सेना ने आज 17 नवंबर 2025 से AFCAT-1 2026 के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। देशभर के उन युवाओं में खास उत्साह देखा जा रहा है जो फ्लाइंग ऑफिसर या ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं में अफसर बनकर वायु सेना का हिस्सा बनने का सपना देखते हैं। आधिकारिक पोर्टल afcat.edcil.co.in पर रजिस्ट्रेशन लिंक सक्रिय कर दिया गया है और उम्मीदवार 14 दिसंबर 2025 तक आवेदन जमा कर सकते हैं। AFCAT देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है, जो न केवल बेहतर करियर का अवसर देती है बल्कि अनुशासन, गौरव और सम्मान से भरा जीवन भी प्रदान करती है।
AFCAT 2026 में फ्लाइंग और ग्राउंड ड्यूटी दोनों शाखाओं में भर्ती
इस बार जारी नोटिफिकेशन में भारतीय वायु सेना ने फ्लाइंग ब्रांच, ग्राउंड ड्यूटी (टेक्निकल) और ग्राउंड ड्यूटी (नॉन-टेक्निकल) शाखाओं में आवेदन आमंत्रित किए हैं। इसके साथ ही NCC स्पेशल एंट्री के माध्यम से फ्लाइंग ब्रांच के लिए अलग कोटा निर्धारित किया गया है, जिसमें कुल सीटों के 10 प्रतिशत को CDSE और AFCAT दोनों वैकेंसी के साथ जोड़ा जाता है। इससे योग्य उम्मीदवारों को एयरफोर्स में शामिल होने का अतिरिक्त मौका मिलता है।
डिंडिगुल एयरफोर्स एकेडमी में होगी ट्रेनिंग
AFCAT के जरिए चयनित होने वाले उम्मीदवारों की ट्रेनिंग हैदराबाद स्थित प्रसिद्ध डिंडिगुल एयरफोर्स एकेडमी में की जाएगी। ट्रेनिंग सत्र के दिसंबर 2026 के आखिरी सप्ताह या जनवरी 2027 के पहले सप्ताह से शुरू होने की उम्मीद है। यह ट्रेनिंग भारतीय वायु सेना के मानकों, अनुशासन और उच्च स्तर की स्किल डेवलपमेंट पर आधारित होती है।
ट्रेनिंग के दौरान मिलेगा आकर्षक स्टाइपेंड
ट्रेनिंग अवधि में फ्लाइंग कैडेट्स को 56,100 रुपये प्रति माह स्टाइपेंड दिया जाएगा। ट्रेनिंग पूरा करने के बाद ऑफिसर रैंक पर शुरुआती वेतन 56,100 से 1,77,500 रुपये के बीच होता है, जिसमें विभिन्न भत्ते और सैन्य सेवाओं के लाभ शामिल हैं। आकर्षक वेतन और बेहतर करियर ग्रोथ के कारण विद्यार्थी AFCAT परीक्षा को प्राथमिकता देते हैं।
AFCAT-1 2026 के लिए आवेदन प्रक्रिया
AFCAT-1 2026 का आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन स्वीकार किया जा रहा है। उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना विवरण भरना है, दस्तावेज़ अपलोड करने हैं और शुल्क जमा कर आवेदन को पूरा करना है। आवेदन जमा करते ही रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी हो जाती है। एयरफोर्स ने आवेदन प्रक्रिया को इस तरह डिजाइन किया है कि नए उम्मीदवार भी इसे आसानी से पूरा कर सकें।
चयन प्रक्रिया में होंगे तीन मुख्य चरण
फ्लाइंग ऑफिसर बनने की इच्छा रखने वाले उम्मीदवारों को तीन चरणों की चयन प्रक्रिया से गुजरना होगा। पहले चरण में लिखित परीक्षा शामिल है, जिसके बाद चयनित उम्मीदवारों को Air Force Selection Board (AFSB) में दो-स्तरीय टेस्ट देने होते हैं। अंतिम चरण में मेडिकल फिटनेस टेस्ट शामिल है। इन सभी चरणों में प्रदर्शन के आधार पर अंतिम ऑल इंडिया मेरिट लिस्ट जारी की जाती है।
AFCAT-1 2026 क्यों है खास
इस साल की भर्ती इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि एयरफोर्स ने पे-स्केल, भत्तों और ट्रेनिंग सुविधाओं में सुधार किए हैं, जिससे यह करियर युवाओं के लिए और भी आकर्षक बन गया है। फ्लाइंग ब्रांच में प्रतिस्पर्धा बढ़ने के बावजूद NCC एंट्री से योग्य उम्मीदवारों के लिए अतिरिक्त अवसर उपलब्ध हुए हैं। साथ ही टेक्निकल और नॉन-टेक्निकल दोनों ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं में अच्छी संख्या में पद हैं, जिससे विज्ञान, इंजीनियरिंग और अन्य पृष्ठभूमि के विद्यार्थी भी भारतीय वायु सेना में अफसर बनने का मौका पा सकते हैं।


