उत्तर प्रदेश सरकार की ऐसी योजनाएं जिन्हें जानकर कहेंगे-ये तो मेरे लिए ही बनी है
यूपी सरकार ने ऐसी योजनाएं शुरू की हैं जो आम लोगों की जिंदगी को सरल और सुरक्षित बनाती हैं। इस योजना के तहत हर परिवार को पहचान पत्र, मुफ्त राशन, स्वास्थ्य सुरक्षा, वृद्धावस्था पेंशन, छात्रवृत्ति, निःशुल्क शिक्षण, स्मार्ट उपकरण, कन्या सहायता, सामूहिक विवाह और पोषण युक्त राशन जैसी सुविधाएं दी जा रही है।

उत्तर प्रदेश सरकार हर साल अपनी कल्याण योजनाओं को और बेहतर बनाती है ताकि आम लोगों की जिंदगी आसान हो और हर कोई सरकारी मदद का लाभ ले सके। उत्तर प्रदेश सरकार की ये खास योजनाएं खास तौर से लोगों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को सुधारने के लिए बनाई गई हैं। चाहे आप छात्र हों, बुजुर्ग हों या युवा, हर कोई इन योजनाओं से सीधे फायदा उठा सकता है। चलिए इन योजनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
'एक परिवार-एक पहचान' योजना
उत्तर प्रदेश सरकार ने फैमिली आईडी योजना शुरू की है ताकि हर परिवार की पहचान आसान हो और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे मिल सके। हर परिवार को 12 नंबर की यूनिक आईडी दी जाती है। अगर आपके पास राशन कार्ड है तो वही नंबर आपकी फैमिली आईडी मानी जाएगी। जिनके पास राशन कार्ड नहीं है वे इसे ऑनलाइन भी बनवा सकते हैं। इस योजना से जुड़ी सबसे बड़ी अपडेट यह है कि फैमिली आईडी के आधार पर बुज़ुर्गों की पहचान अपने-आप होगी और वृद्धावस्था पेंशन भी ऑटोमेटिक मंजूर हो जाएगी।
मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना
हर किसी के लिए स्वास्थ्य सबसे जरूरी है। अगर आपका परिवार आयुष्मान भारत–PM-JAY में कवर नहीं है तो मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना आपके लिए है। यह योजना रेड या गोल्डन कार्ड के जरिए 5 लाख रुपये तक का कैशलेस हेल्थ कवर देती है। इस योजना का लाभ उत्तर प्रदेश के गरीब और लोअर-मिडिल क्लास परिवार ले सकते हैं जो किसी और स्वास्थ्य बीमा योजना में नहीं हैं। सरकारी और पैनल वाले प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कर सकते हैं। सरकार इसे आयुष्मान भारत की पूरक योजना के रूप में चला रही है ताकि 10 करोड़ से अधिक लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा मिले।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना
बुज़ुर्गों, विधवाओं और दिव्यांग लोगों के लिए पेंशन योजना बहुत मददगार है। वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन और दिव्यांग पेंशन हर महीने सीधे बैंक अकाउंट में भेजी जाती है। 60+ उम्र वाले बुजुर्ग, बेसहारा विधवाएं और गंभीर रूप से दिव्यांग व्यक्ति इसका लाभ ले सकते हैं। 2025–26 में फैमिली आईडी के आधार पर जिनकी उम्र 60 साल होगी उनकी सूची अपने-आप बनेगी और SMS/WhatsApp के जरिए सहमति लेकर 15 दिन के अंदर पेंशन प्रतिबंध हो जाएगी। सरकार ने कहा है कि करीब 8.25 लाख नए बुजुर्ग इस साल ऑटोमेटिक जुड़ेंगे।
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना
कभी-कभी अच्छे करियर के लिए महंगी कोचिंग एक बड़ी बाधा बन जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए यूपी सरकार ने मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना शुरू की है। इसके तहत IAS, PCS, IPS, IFS, SSC, बैंक, JEE, NEET जैसी कठिन परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग और सलाह मिलती है। इसका लाभ उन छात्रों को मिलता है जिनके पास महंगी कोचिंग का खर्च नहीं है। 2025–26 में नए बैचों के लिए विज्ञापन और आवेदन जारी हैं और योजना अगले सत्र में और भी विस्तारित होगी।
स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना
युवाओं को डिजिटल दुनिया में आगे बढ़ने के लिए स्मार्ट डिवाइस जरूरी हैं। डिजी-शक्ति योजना के तहत यूपी के कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों को फ्री टैब और स्मार्टफोन दिए जाते हैं। इससे वे ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं और डिजिटल स्किल्स सीख सकते हैं। जुलाई 2025 में चौथे चरण में 50 लाख से अधिक डिवाइस वितरित किए गए। यह योजना AI और डीप टेक अर्थव्यवस्था की तैयारी के लिए भी अहम मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का सपना अब सरकार के साथ और मजबूत हुआ है। कन्या सुमंगला योजना के तहत लड़की के जन्म से लेकर ग्रेजुएशन तक कुल 25,000 रुपये तक वित्तीय सहायता दी जाती है। इसका लाभ उन परिवारों की बेटियां ले सकती हैं जिनकी सालाना आय लगभग 3 लाख रुपये से कम है। पहले यह राशि 15,000 थी अब इसे 25,000 रुपये तक बढ़ा दिया गया है। यह योजना शून्य गरीबी कार्यक्रम के दूसरे चरण में भी शामिल है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना
विवाह हर परिवार की खुशी है लेकिन आर्थिक कमजोरी इसे मुश्किल बना सकती है। सामूहिक विवाह योजना के तहत सरकार गरीब परिवारों की बेटियों, विधवा और तलाकशुदा महिलाओं के पुनर्विवाह के लिए आयोजन और आर्थिक मदद देती है। इसका लाभ SC/ST/OBC, अल्पसंख्यक और सामान्य गरीब परिवार ले सकते हैं। प्रति जोड़ा सहायता राशि 51,000 से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। गोरखपुर, प्रयागराज और अन्य जिलों में इस साल हजारों जोड़े सामूहिक विवाह में शामिल होंगे।
रेशम सखी योजना
ग्रामीण महिलाओं के लिए नई कमाई का मौका रेशम सखी योजना लाती है। इसमें महिलाएं घर बैठे रेशम कीट पालन (sericulture) सीखकर शहतूत और तसर रेशम उत्पादन कर सकती हैं। इस योजना का लाभ स्वयं सहायता समूह की महिलाएं ले सकती हैं। पहले चरण में 15 जिलों की 7,500 महिलाएं प्रशिक्षित होंगी और 5 साल में कुल 50,000 महिलाओं को लाभ मिलेगा।
टेक होम राशन (टीएचआर) कार्यक्रम
बच्चों और माताओं का पोषण सबसे जरूरी है। टीएचआर योजना के तहत 3–6 साल के बच्चों, गर्भवती और धात्री माताओं को पौष्टिक टेक होम राशन दिया जाता है। उत्तर प्रदेश के गरीब और कमजोर परिवार इसका लाभ ले सकते हैं। 2025–26 में सरकार ने ₹273.5 करोड़ का बजट रखा है और 204 मौजूदा यूनिट्स के अलावा 347 नई यूनिट्स खोलने का निर्णय लिया है।
उत्तर प्रदेश सरकार हर साल अपनी कल्याण योजनाओं को और बेहतर बनाती है ताकि आम लोगों की जिंदगी आसान हो और हर कोई सरकारी मदद का लाभ ले सके। उत्तर प्रदेश सरकार की ये खास योजनाएं खास तौर से लोगों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को सुधारने के लिए बनाई गई हैं। चाहे आप छात्र हों, बुजुर्ग हों या युवा, हर कोई इन योजनाओं से सीधे फायदा उठा सकता है। चलिए इन योजनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
'एक परिवार-एक पहचान' योजना
उत्तर प्रदेश सरकार ने फैमिली आईडी योजना शुरू की है ताकि हर परिवार की पहचान आसान हो और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे मिल सके। हर परिवार को 12 नंबर की यूनिक आईडी दी जाती है। अगर आपके पास राशन कार्ड है तो वही नंबर आपकी फैमिली आईडी मानी जाएगी। जिनके पास राशन कार्ड नहीं है वे इसे ऑनलाइन भी बनवा सकते हैं। इस योजना से जुड़ी सबसे बड़ी अपडेट यह है कि फैमिली आईडी के आधार पर बुज़ुर्गों की पहचान अपने-आप होगी और वृद्धावस्था पेंशन भी ऑटोमेटिक मंजूर हो जाएगी।
मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना
हर किसी के लिए स्वास्थ्य सबसे जरूरी है। अगर आपका परिवार आयुष्मान भारत–PM-JAY में कवर नहीं है तो मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना आपके लिए है। यह योजना रेड या गोल्डन कार्ड के जरिए 5 लाख रुपये तक का कैशलेस हेल्थ कवर देती है। इस योजना का लाभ उत्तर प्रदेश के गरीब और लोअर-मिडिल क्लास परिवार ले सकते हैं जो किसी और स्वास्थ्य बीमा योजना में नहीं हैं। सरकारी और पैनल वाले प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कर सकते हैं। सरकार इसे आयुष्मान भारत की पूरक योजना के रूप में चला रही है ताकि 10 करोड़ से अधिक लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा मिले।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना
बुज़ुर्गों, विधवाओं और दिव्यांग लोगों के लिए पेंशन योजना बहुत मददगार है। वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन और दिव्यांग पेंशन हर महीने सीधे बैंक अकाउंट में भेजी जाती है। 60+ उम्र वाले बुजुर्ग, बेसहारा विधवाएं और गंभीर रूप से दिव्यांग व्यक्ति इसका लाभ ले सकते हैं। 2025–26 में फैमिली आईडी के आधार पर जिनकी उम्र 60 साल होगी उनकी सूची अपने-आप बनेगी और SMS/WhatsApp के जरिए सहमति लेकर 15 दिन के अंदर पेंशन प्रतिबंध हो जाएगी। सरकार ने कहा है कि करीब 8.25 लाख नए बुजुर्ग इस साल ऑटोमेटिक जुड़ेंगे।
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना
कभी-कभी अच्छे करियर के लिए महंगी कोचिंग एक बड़ी बाधा बन जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए यूपी सरकार ने मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना शुरू की है। इसके तहत IAS, PCS, IPS, IFS, SSC, बैंक, JEE, NEET जैसी कठिन परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग और सलाह मिलती है। इसका लाभ उन छात्रों को मिलता है जिनके पास महंगी कोचिंग का खर्च नहीं है। 2025–26 में नए बैचों के लिए विज्ञापन और आवेदन जारी हैं और योजना अगले सत्र में और भी विस्तारित होगी।
स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना
युवाओं को डिजिटल दुनिया में आगे बढ़ने के लिए स्मार्ट डिवाइस जरूरी हैं। डिजी-शक्ति योजना के तहत यूपी के कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों को फ्री टैब और स्मार्टफोन दिए जाते हैं। इससे वे ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं और डिजिटल स्किल्स सीख सकते हैं। जुलाई 2025 में चौथे चरण में 50 लाख से अधिक डिवाइस वितरित किए गए। यह योजना AI और डीप टेक अर्थव्यवस्था की तैयारी के लिए भी अहम मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का सपना अब सरकार के साथ और मजबूत हुआ है। कन्या सुमंगला योजना के तहत लड़की के जन्म से लेकर ग्रेजुएशन तक कुल 25,000 रुपये तक वित्तीय सहायता दी जाती है। इसका लाभ उन परिवारों की बेटियां ले सकती हैं जिनकी सालाना आय लगभग 3 लाख रुपये से कम है। पहले यह राशि 15,000 थी अब इसे 25,000 रुपये तक बढ़ा दिया गया है। यह योजना शून्य गरीबी कार्यक्रम के दूसरे चरण में भी शामिल है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना
विवाह हर परिवार की खुशी है लेकिन आर्थिक कमजोरी इसे मुश्किल बना सकती है। सामूहिक विवाह योजना के तहत सरकार गरीब परिवारों की बेटियों, विधवा और तलाकशुदा महिलाओं के पुनर्विवाह के लिए आयोजन और आर्थिक मदद देती है। इसका लाभ SC/ST/OBC, अल्पसंख्यक और सामान्य गरीब परिवार ले सकते हैं। प्रति जोड़ा सहायता राशि 51,000 से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। गोरखपुर, प्रयागराज और अन्य जिलों में इस साल हजारों जोड़े सामूहिक विवाह में शामिल होंगे।
रेशम सखी योजना
ग्रामीण महिलाओं के लिए नई कमाई का मौका रेशम सखी योजना लाती है। इसमें महिलाएं घर बैठे रेशम कीट पालन (sericulture) सीखकर शहतूत और तसर रेशम उत्पादन कर सकती हैं। इस योजना का लाभ स्वयं सहायता समूह की महिलाएं ले सकती हैं। पहले चरण में 15 जिलों की 7,500 महिलाएं प्रशिक्षित होंगी और 5 साल में कुल 50,000 महिलाओं को लाभ मिलेगा।
टेक होम राशन (टीएचआर) कार्यक्रम
बच्चों और माताओं का पोषण सबसे जरूरी है। टीएचआर योजना के तहत 3–6 साल के बच्चों, गर्भवती और धात्री माताओं को पौष्टिक टेक होम राशन दिया जाता है। उत्तर प्रदेश के गरीब और कमजोर परिवार इसका लाभ ले सकते हैं। 2025–26 में सरकार ने ₹273.5 करोड़ का बजट रखा है और 204 मौजूदा यूनिट्स के अलावा 347 नई यूनिट्स खोलने का निर्णय लिया है।


