सरयू नदी पर बन रहा उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा पुल और रिंग रोड प्रोजेक्ट
67 किमी रिंग रोड में 50 किमी सर्विस लेन शामिल होगी, जो यातायात को भी सहज बनाएगी। यह रिंग रोड पाँच प्रमुख राष्ट्रीय/राज्य मार्गों को जोड़ती है। जिनमें अयोध्या-लखनऊ हाईवे, गोरखपुर हाईवे, अंबेडकरनगर हाईवे, प्रयागराज हाईवे, रायबरेली हाईवे जुड़ेंगे।

उत्तर प्रदेश का अयोध्या इन दिनों बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के दौर से गुजर रहा है। उत्तर प्रदेश के इस जिले में राम मंदिर निर्माण के बाद बढ़ती पर्यटन गतिविधियों और यातायात जरूरतों को देखते हुए यहाँ राज्य का सबसे लंबा पुल और 67 किमी लंबी रिंग रोड तैयार की जा रही है। यह प्रोजेक्ट क्षेत्रीय विकास का नया अध्याय साबित होगा। इसके बनने से यह प्रदेश के सबसे लंबा पुल कहलाएगा।
सरयू नदी पर बन रहा 4200 मीटर लंबा पुल, प्रदेश का सबसे बड़ा पुलइस पुल की कुल लंबाई लगभग 4.2 किमी है, जो इसे उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा नदी पुल बनाती है। यह अयोध्या के माझा सरायरासी क्षेत्र में बन रहा है, जहाँ भारी मशीनरी तैनात की जा चुकी है। स्वायल टेस्टिंग, पिलरों की खुदाई, ढांचा खड़ा करने की प्रक्रिया इन सभी पर तेजी से काम किया जा रहा है। पुल बनने के बाद अयोध्या शहर में बिना घुसे ही वाहन एक किनारे से दूसरे किनारे पहुँच सकेंगे।
2. 67 किमी लंबी रिंग रोड, अयोध्या को देगी फास्ट सड़क नेटवर्ककुल 67 किमी रिंग रोड में 50 किमी सर्विस लेन शामिल होगी, जो स्थानीय यातायात को भी सहज बनाएगी। यह रिंग रोड पाँच प्रमुख राष्ट्रीय/राज्य मार्गों को जोड़ती है। जिनमें अयोध्या-लखनऊ हाईवे, गोरखपुर हाईवे, अंबेडकरनगर हाईवे, प्रयागराज हाईवे, रायबरेली हाईवे जुड़ेंगे। इस कनेक्टिविटी से अयोध्या ही नहीं, पूरे पूर्वांचल के लाखों लोगों को फायदा मिलेगा।
अंडरपास और टोल प्लाजा का व्यापक नेटवर्क
बड़ी संख्या में अंडरपास बनाए जा रहे हैं, जिनमें जुबैरगंज पशु बाजार और अन्य प्रमुख लोकेशन शामिल हैं। ये अंडरपास हाईवे क्रॉसिंग को आसान और सुरक्षित बनाएंगे। परियोजना पूरी होने के बाद रिंग रोड पर 10 टोल प्लाजा संचालित होंगे, जिससे यातायात व्यवस्थित रहेगा।
किन जिलों को होगा सीधा फायदा?
अयोध्या शहर के अंदर ट्रैफिक कम होगा। मंदिर आने वाले पर्यटकों को सुगम यात्रा मिलेगी। शहर में प्रदूषण और जाम में कमी आएगी।
गोंडा-बस्ती दोनों जिलों को अयोध्या और आसपास के बड़े हाईवेज से तेज कनेक्टिविटी मिलेगी। व्यापार और परिवहन लागत कम होगा। पूर्वांचल के अन्य जिलों लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, रायबरेली मार्गों का सीधा लाभ होगा।
निर्माण प्रगति : तेज गति से चल रहा काम
एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) इस मेगा परियोजना को पूरा कर रहा है। मार्च से मिट्टी की पटाई, गिट्टी कुटाई जैसे कार्य कई हिस्सों में शुरू हो चुके हैं। कुल लंबाई के लगभग दो-तिहाई हिस्से में अभी मिट्टी भराई बाकी है और यह प्रक्रिया लगातार जारी है। लगभग 2500 करोड़ रुपये इस पूरी परियोजना पर खर्च किए जा रहे हैं, जिसमें पुल, रिंग रोड, अंडरपास और टोल प्लाजा शामिल हैं।
राम मंदिर के बाद बढ़े यातायात पर नियंत्रणराम मंदिर के उद्घाटन के बाद अयोध्या में रोजाना लाखों श्रद्धालु पहुँच रहे हैं। इस वजह से शहर में ट्रैफिक दबाव काफी बढ़ गया है।
रिंग रोड + सरयू पुल का यह संयोजन शहर में भारी वाहनों को अंदर आने से रोकेगा। पवित्र क्षेत्र में भीड़ कम करेगा। पर्यटन को सुगम बनाएगा। स्थानीय नागरिकों की रोजमर्रा की आवाजाही को आसान करेगा। यह पूरा प्रोजेक्ट अयोध्या और पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए गेम-चेंजर साबित होगा। तेज सड़क नेटवर्क, सुरक्षित यात्रा, व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि और पर्यटकों के लिए सुविधायुक्त पहुँच सब कुछ इस एक परियोजना के पूरा होने से संभव होगा।
उत्तर प्रदेश का अयोध्या इन दिनों बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के दौर से गुजर रहा है। उत्तर प्रदेश के इस जिले में राम मंदिर निर्माण के बाद बढ़ती पर्यटन गतिविधियों और यातायात जरूरतों को देखते हुए यहाँ राज्य का सबसे लंबा पुल और 67 किमी लंबी रिंग रोड तैयार की जा रही है। यह प्रोजेक्ट क्षेत्रीय विकास का नया अध्याय साबित होगा। इसके बनने से यह प्रदेश के सबसे लंबा पुल कहलाएगा।
सरयू नदी पर बन रहा 4200 मीटर लंबा पुल, प्रदेश का सबसे बड़ा पुलइस पुल की कुल लंबाई लगभग 4.2 किमी है, जो इसे उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा नदी पुल बनाती है। यह अयोध्या के माझा सरायरासी क्षेत्र में बन रहा है, जहाँ भारी मशीनरी तैनात की जा चुकी है। स्वायल टेस्टिंग, पिलरों की खुदाई, ढांचा खड़ा करने की प्रक्रिया इन सभी पर तेजी से काम किया जा रहा है। पुल बनने के बाद अयोध्या शहर में बिना घुसे ही वाहन एक किनारे से दूसरे किनारे पहुँच सकेंगे।
2. 67 किमी लंबी रिंग रोड, अयोध्या को देगी फास्ट सड़क नेटवर्ककुल 67 किमी रिंग रोड में 50 किमी सर्विस लेन शामिल होगी, जो स्थानीय यातायात को भी सहज बनाएगी। यह रिंग रोड पाँच प्रमुख राष्ट्रीय/राज्य मार्गों को जोड़ती है। जिनमें अयोध्या-लखनऊ हाईवे, गोरखपुर हाईवे, अंबेडकरनगर हाईवे, प्रयागराज हाईवे, रायबरेली हाईवे जुड़ेंगे। इस कनेक्टिविटी से अयोध्या ही नहीं, पूरे पूर्वांचल के लाखों लोगों को फायदा मिलेगा।
अंडरपास और टोल प्लाजा का व्यापक नेटवर्क
बड़ी संख्या में अंडरपास बनाए जा रहे हैं, जिनमें जुबैरगंज पशु बाजार और अन्य प्रमुख लोकेशन शामिल हैं। ये अंडरपास हाईवे क्रॉसिंग को आसान और सुरक्षित बनाएंगे। परियोजना पूरी होने के बाद रिंग रोड पर 10 टोल प्लाजा संचालित होंगे, जिससे यातायात व्यवस्थित रहेगा।
किन जिलों को होगा सीधा फायदा?
अयोध्या शहर के अंदर ट्रैफिक कम होगा। मंदिर आने वाले पर्यटकों को सुगम यात्रा मिलेगी। शहर में प्रदूषण और जाम में कमी आएगी।
गोंडा-बस्ती दोनों जिलों को अयोध्या और आसपास के बड़े हाईवेज से तेज कनेक्टिविटी मिलेगी। व्यापार और परिवहन लागत कम होगा। पूर्वांचल के अन्य जिलों लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, रायबरेली मार्गों का सीधा लाभ होगा।
निर्माण प्रगति : तेज गति से चल रहा काम
एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) इस मेगा परियोजना को पूरा कर रहा है। मार्च से मिट्टी की पटाई, गिट्टी कुटाई जैसे कार्य कई हिस्सों में शुरू हो चुके हैं। कुल लंबाई के लगभग दो-तिहाई हिस्से में अभी मिट्टी भराई बाकी है और यह प्रक्रिया लगातार जारी है। लगभग 2500 करोड़ रुपये इस पूरी परियोजना पर खर्च किए जा रहे हैं, जिसमें पुल, रिंग रोड, अंडरपास और टोल प्लाजा शामिल हैं।
राम मंदिर के बाद बढ़े यातायात पर नियंत्रणराम मंदिर के उद्घाटन के बाद अयोध्या में रोजाना लाखों श्रद्धालु पहुँच रहे हैं। इस वजह से शहर में ट्रैफिक दबाव काफी बढ़ गया है।
रिंग रोड + सरयू पुल का यह संयोजन शहर में भारी वाहनों को अंदर आने से रोकेगा। पवित्र क्षेत्र में भीड़ कम करेगा। पर्यटन को सुगम बनाएगा। स्थानीय नागरिकों की रोजमर्रा की आवाजाही को आसान करेगा। यह पूरा प्रोजेक्ट अयोध्या और पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए गेम-चेंजर साबित होगा। तेज सड़क नेटवर्क, सुरक्षित यात्रा, व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि और पर्यटकों के लिए सुविधायुक्त पहुँच सब कुछ इस एक परियोजना के पूरा होने से संभव होगा।












