सरयू नदी पर बन रहा उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा पुल और रिंग रोड प्रोजेक्ट

67 किमी रिंग रोड में 50 किमी सर्विस लेन शामिल होगी, जो यातायात को भी सहज बनाएगी। यह रिंग रोड पाँच प्रमुख राष्ट्रीय/राज्य मार्गों को जोड़ती है। जिनमें अयोध्या-लखनऊ हाईवे, गोरखपुर हाईवे, अंबेडकरनगर हाईवे, प्रयागराज हाईवे, रायबरेली हाईवे जुड़ेंगे।

saryu pul
सरयू नदी पर बनने वाले पुल का प्रोजेक्ट
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar18 Nov 2025 04:24 PM
bookmark

उत्तर प्रदेश का अयोध्या इन दिनों बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के दौर से गुजर रहा है। उत्तर प्रदेश के इस जिले में राम मंदिर निर्माण के बाद बढ़ती पर्यटन गतिविधियों और यातायात जरूरतों को देखते हुए यहाँ राज्य का सबसे लंबा पुल और 67 किमी लंबी रिंग रोड तैयार की जा रही है। यह प्रोजेक्ट क्षेत्रीय विकास का नया अध्याय साबित होगा। इसके बनने से यह प्रदेश के सबसे लंबा पुल कहलाएगा।

सरयू नदी पर बन रहा 4200 मीटर लंबा पुल, प्रदेश का सबसे बड़ा पुलइस पुल की कुल लंबाई लगभग 4.2 किमी है, जो इसे उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा नदी पुल बनाती है। यह अयोध्या के माझा सरायरासी क्षेत्र में बन रहा है, जहाँ भारी मशीनरी तैनात की जा चुकी है। स्वायल टेस्टिंग, पिलरों की खुदाई, ढांचा खड़ा करने की प्रक्रिया  इन सभी पर तेजी से काम किया जा रहा है। पुल बनने के बाद अयोध्या शहर में बिना घुसे ही वाहन एक किनारे से दूसरे किनारे पहुँच सकेंगे।

2. 67 किमी लंबी रिंग रोड, अयोध्या को देगी फास्ट सड़क नेटवर्ककुल 67 किमी रिंग रोड में 50 किमी सर्विस लेन शामिल होगी, जो स्थानीय यातायात को भी सहज बनाएगी। यह रिंग रोड पाँच प्रमुख राष्ट्रीय/राज्य मार्गों को जोड़ती है। जिनमें अयोध्या-लखनऊ हाईवे, गोरखपुर हाईवे, अंबेडकरनगर हाईवे, प्रयागराज हाईवे, रायबरेली हाईवे जुड़ेंगे। इस कनेक्टिविटी से अयोध्या ही नहीं, पूरे पूर्वांचल के लाखों लोगों को फायदा मिलेगा।

अंडरपास और टोल प्लाजा का व्यापक नेटवर्क

बड़ी संख्या में अंडरपास बनाए जा रहे हैं, जिनमें जुबैरगंज पशु बाजार और अन्य प्रमुख लोकेशन शामिल हैं। ये अंडरपास हाईवे क्रॉसिंग को आसान और सुरक्षित बनाएंगे। परियोजना पूरी होने के बाद रिंग रोड पर 10 टोल प्लाजा संचालित होंगे, जिससे यातायात व्यवस्थित रहेगा।

किन जिलों को होगा सीधा फायदा?

अयोध्या शहर के अंदर ट्रैफिक कम होगा। मंदिर आने वाले पर्यटकों को सुगम यात्रा मिलेगी। शहर में प्रदूषण और जाम में कमी आएगी।

गोंडा-बस्ती दोनों जिलों को अयोध्या और आसपास के बड़े हाईवेज से तेज कनेक्टिविटी मिलेगी। व्यापार और परिवहन लागत कम होगा। पूर्वांचल के अन्य जिलों लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, रायबरेली मार्गों का सीधा लाभ होगा।

निर्माण प्रगति : तेज गति से चल रहा काम

एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) इस मेगा परियोजना को पूरा कर रहा है। मार्च से मिट्टी की पटाई, गिट्टी कुटाई जैसे कार्य कई हिस्सों में शुरू हो चुके हैं। कुल लंबाई के लगभग दो-तिहाई हिस्से में अभी मिट्टी भराई बाकी है और यह प्रक्रिया लगातार जारी है। लगभग 2500 करोड़ रुपये इस पूरी परियोजना पर खर्च किए जा रहे हैं, जिसमें पुल, रिंग रोड, अंडरपास और टोल प्लाजा शामिल हैं।

राम मंदिर के बाद बढ़े यातायात पर नियंत्रणराम मंदिर के उद्घाटन के बाद अयोध्या में रोजाना लाखों श्रद्धालु पहुँच रहे हैं। इस वजह से शहर में ट्रैफिक दबाव काफी बढ़ गया है।

रिंग रोड + सरयू पुल का यह संयोजन शहर में भारी वाहनों को अंदर आने से रोकेगा। पवित्र क्षेत्र में भीड़ कम करेगा। पर्यटन को सुगम बनाएगा। स्थानीय नागरिकों की रोजमर्रा की आवाजाही को आसान करेगा। यह पूरा प्रोजेक्ट अयोध्या और पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए गेम-चेंजर साबित होगा। तेज सड़क नेटवर्क, सुरक्षित यात्रा, व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि और पर्यटकों के लिए सुविधायुक्त पहुँच सब कुछ इस एक परियोजना के पूरा होने से संभव होगा।




संबंधित खबरें

अगली खबर पढ़ें

अखिलेश यादव ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, चुनावों में पैसे बांटती है भाजपा

अखिलेश यादव ने अपने बयान में दावा किया कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में भ्रष्टाचार, लूट, बेइमानी, अवैध कब्जे और गैर-कानूनी गतिविधियों में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है।

akhilesh (9)
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar27 Nov 2025 04:38 PM
bookmark

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि प्रदेश में कानून का शासन पूरी तरह समाप्त हो गया है और राज्य सरकार लोकतंत्र, संविधान और प्रशासनिक तंत्र को अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है। अखिलेश यादव ने अपने बयान में दावा किया कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में भ्रष्टाचार, लूट, बेइमानी, अवैध कब्जे और गैर-कानूनी गतिविधियों में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है। उनका आरोप है कि सरकार न केवल इन अनियमितताओं पर आंख मूंदे बैठी है, बल्कि कई मामलों में इन्हें राजनीतिक संरक्षण भी मिल रहा है।

भ्रष्टाचार चरम पर, कानून व्यवस्था ध्वस्त

सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा की नीतियों और शासन शैली ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था को गहरे संकट में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि फर्जी मुठभेड़ों की संख्या बढ़ी है और इन मामलों में कई स्थानों पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज होने से यह साबित होता है कि शासन तंत्र का दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के दौरान पुलिस हिरासत में मौतों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जो कानून व्यवस्था की गंभीर विफलता को दर्शाते हैंचुनावों में पैसे का खेल होने का आरोप

अखिलेश यादव ने भाजपा पर चुनाव जीतने के लिए पैसे बांटने का आरोप दोहराया। उन्होंने कहा कि भाजपा लोकतंत्र की मूल भावना को कमजोर कर रही है और चुनावी प्रक्रिया को धनबल के सहारे नियंत्रित करना चाहती है। उनके अनुसार भाजपा का आचरण लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए खतरा है और वह प्रशासनिक संस्थाओं को विपक्षी दलों के विरुद्ध हथियार के रूप में उपयोग कर रही है।

अवैध खनन, अवैध वन कटान और कब्जों का मुद्दा भी उठाया

सपा अध्यक्ष ने दावा किया कि प्रदेश के कई जिलों में अवैध खनन, गैर-कानूनी रूप से पेड़ों की कटाई और जमीनों पर अवैध कब्जे तेजी से बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि इन गतिविधियों में शामिल लोगों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते कानून का डर समाप्त हो गया है। अखिलेश यादव ने भाजपा पर संविधान को कमजोर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि भाजपा सरकार आरक्षण के अधिकार को खत्म करने की कोशिश कर रही है और सरकारी नौकरियों एवं भर्ती प्रणाली को कमजोर करने की दिशा में रणनीति बना रही है। उन्होंने कहा कि सरकार झूठे और अप्रमाणित दावों का प्रचार करते हुए जनता को भ्रमित कर रही है और वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने का प्रयास कर रही है।

संबंधित खबरें

अगली खबर पढ़ें

उत्तर प्रदेश में आधार कार्ड से पिता का नाम हटने के बाद लर्नर डीएल पर संकट

25 अगस्त 2025 के बाद यूआईडीएआई द्वारा लागू की गई नई नीति के अनुसार आधार कार्ड में पिता का नाम अब दर्ज नहीं किया जाता, और यदि कोई आधार अपडेट कराता है तो उसके कार्ड पर पिता का नाम दिखाई नहीं देता। यही बदलाव अब परिवहन विभाग के आनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस सिस्टम में अड़चन पैदा कर रहा है।

uidai
आधार कार्ड (फाइल फोटो)
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar27 Nov 2025 06:07 PM
bookmark

उत्तर प्रदेश में आधार कार्ड अपडेट प्रक्रिया में किए गए बड़े बदलाव के बाद लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हजारों लोगों के लिए मुश्किल हो गया है। 25 अगस्त 2025 के बाद UIDAI द्वारा लागू की गई नई नीति के अनुसार आधार कार्ड में पिता का नाम अब दर्ज नहीं किया जाता, और यदि कोई आधार अपडेट कराता है तो उसके कार्ड पर पिता का नाम दिखाई नहीं देता। यही बदलाव अब परिवहन विभाग के आनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस सिस्टम में अड़चन पैदा कर रहा है।

क्यों फंसा लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस 

लर्नर डीएल आवेदन पूरी तरह आनलाइन है। इसमें आवेदक को अपना आधार नंबर डालना होता है, और सिस्टम आधार से जुड़े सभी विवरण नाम, पता, जन्मतिथि, पिता का नाम आदि स्वचालित रूप से इम्पोर्ट करता है। लेकिन नया आधार डेटा पिता का नाम शामिल नहीं करता है। ड्राइविंग लाइसेंस सिस्टम फॉर्म पूरा करने के लिए पिता का नाम अनिवार्य मानता है। नतीजा यह होता है कि सिस्टम आवेदन को आगे बढ़ने ही नहीं दे रहा। इस तकनीकी असंगतता के कारण हजारों लोग आवेदन भरकर भी सबमिट नहीं कर पा रहेलखनऊ में स्थिति सबसे अधिक गंभीर

पिछले 90 दिनों में 5500 से ज्यादा आवेदन इसी वजह से अटक गए। आरटीओ/एआरटीओ दफ्तरों में हर दिन दर्जनों लोग शिकायत करने पहुंच रहे हैं। ट्रांसपोर्ट नगर आरटीओ में रोजाना 30 से 35 शिकायतें इस संबंध में आ रही हैं। देवा रोड एआरटीओ में 20 से 25 शिकायतें रोज आ रही हैं।

UIDAI का पक्ष पिता का नाम जानबूझकर हटाया गया

UIDAI के डिप्टी डायरेक्टर प्रशांत कुमार सिंह के अनुसार पहले आधार कार्ड में पिता का नाम पता सेक्शन में दिखता था

अब यह प्रारूप बदल दिया गया है। अब आधार अपडेट कराने पर केवल पता प्रिंट होगा। पहचान साबित करने के लिए पिता का नाम अनिवार्य पहचान तत्व नहीं माना जाता है। उन्होंने साफ किया कि जिन विभागों की योजनाएँ या सेवाएँ आधार से जानकारी लेती हैं, उन्हें अपने सिस्टम नए आधार फॉर्मेट के अनुरूप अपडेट करने होंगे। यूआईडीएआई विभागों को इस बारे में लगातार सूचना भेज रहा है।

परिवहन विभाग को हो रही दिक्कत 

ड्राइविंग लाइसेंस का आॅनलाइन सिस्टम अभी भी उस फॉर्मेट पर चल रहा है जिसमें पिता का नाम चाहिए। इसलिए नया आधार नंबर डालते ही सिस्टम पिता का नाम खोजता है। न मिलने पर फॉर्म अधूरा मानकर आगे नहीं बढ़ता। आवेदक लॉगआउट हो जाता है या डेटा इनकन्सिस्टेंट जैसी त्रुटि दिखाई देती है। फिलहाल आरटीओ भी आवेदन को मैन्युअली पूरा नहीं कर सकता क्योंकि पूरी प्रक्रिया आॅनलाइन है। समस्या उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है, जल्द समाधान निकलेगा और सॉफ्टवेयर अपडेट होगा।

संबंधित खबरें