गोरखपुर में आयोजित जनता दर्शन यूपी सीएम योगी का आश्वासन

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार सुबह गोरखपुर में आयोजित जनता दर्शन में लोगों की समस्याएं सुनने पहुंचे। करीब 200 फरियादी अपनी शिकायतें लेकर मुख्यमंत्री के सामने पहुंचे। सीएम योगी ने सभी से एक-एक कर मुलाकात की और उनकी समस्याएं विस्तार से सुनीं।

Janta Darshan organized in Gorakhpur
गोरखपुर में आयोजित जनता दर्शन में सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar18 Nov 2025 04:16 PM
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बता दे कि जनता दर्शन में कई लोग आवास न मिलने, जमीन पर कब्जा होने और हजारों रुपये हड़पे जाने की शिकायत लेकर पहुंचे थे। मुख्यमंत्री योगी ने सभी को आश्वासन दिया कि बेघरों को आवास उपलब्ध कराया जाएगा, जिसकी जमीन कब्जे में उसकी जमीनों को कब्जामुक्त कराया जाएगा। जिन लोगों के पैसे हड़पे गए उनके हड़पे गए रुपये वापस दिलाए जाएंगे। इलाज में हर संभव सरकारी मदद मिलेगी। सीएम ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी मामले में ढिलाई न बरती जाए और सभी शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।

गोरखपुर में उच्चीकृत विधि विज्ञान प्रयोगशाला का लोकार्पण

बता दें कि जनता दर्शन के बाद मुख्यमंत्री योगी का आज गोरखपुर में कई कार्यक्रमों में शामिल होने का कार्यक्रम है। वे सुबह 11 बजे

72.78 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित उच्चीकृत क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला का लोकार्पण करेंगे।

अब ‘बी’ श्रेणी से अपग्रेड होकर ‘ए’ श्रेणी की हुई प्रयोगशाला

बता दें कि गोरखपुर स्थित इस फोरेंसिक लैब को उन्नत बनाते हुए अब इसे छह मंजिला भवन में विकसित किया गया है। अपग्रेडेड लैब में लैपटॉप, मोबाइल व CCTV डेटा रिकवरी, आवाज संबंधी फोरेंसिक जांच, आग्नेय अस्त्र और विस्फोटकों की जांच और अत्याधुनिक फोरेंसिक सुविधाएं दी जाएगी और इन सभी मॉडर्न सुविधाओं के साथ लैब अब पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपराध जांच को और अधिक सशक्त बनाएगी।इस परियोजना का निर्माण उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम ने किया है।

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अखिलेश यादव ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, चुनावों में पैसे बांटती है भाजपा

अखिलेश यादव ने अपने बयान में दावा किया कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में भ्रष्टाचार, लूट, बेइमानी, अवैध कब्जे और गैर-कानूनी गतिविधियों में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है।

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पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar27 Nov 2025 04:38 PM
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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि प्रदेश में कानून का शासन पूरी तरह समाप्त हो गया है और राज्य सरकार लोकतंत्र, संविधान और प्रशासनिक तंत्र को अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है। अखिलेश यादव ने अपने बयान में दावा किया कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में भ्रष्टाचार, लूट, बेइमानी, अवैध कब्जे और गैर-कानूनी गतिविधियों में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है। उनका आरोप है कि सरकार न केवल इन अनियमितताओं पर आंख मूंदे बैठी है, बल्कि कई मामलों में इन्हें राजनीतिक संरक्षण भी मिल रहा है।

भ्रष्टाचार चरम पर, कानून व्यवस्था ध्वस्त

सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा की नीतियों और शासन शैली ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था को गहरे संकट में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि फर्जी मुठभेड़ों की संख्या बढ़ी है और इन मामलों में कई स्थानों पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज होने से यह साबित होता है कि शासन तंत्र का दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के दौरान पुलिस हिरासत में मौतों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जो कानून व्यवस्था की गंभीर विफलता को दर्शाते हैंचुनावों में पैसे का खेल होने का आरोप

अखिलेश यादव ने भाजपा पर चुनाव जीतने के लिए पैसे बांटने का आरोप दोहराया। उन्होंने कहा कि भाजपा लोकतंत्र की मूल भावना को कमजोर कर रही है और चुनावी प्रक्रिया को धनबल के सहारे नियंत्रित करना चाहती है। उनके अनुसार भाजपा का आचरण लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए खतरा है और वह प्रशासनिक संस्थाओं को विपक्षी दलों के विरुद्ध हथियार के रूप में उपयोग कर रही है।

अवैध खनन, अवैध वन कटान और कब्जों का मुद्दा भी उठाया

सपा अध्यक्ष ने दावा किया कि प्रदेश के कई जिलों में अवैध खनन, गैर-कानूनी रूप से पेड़ों की कटाई और जमीनों पर अवैध कब्जे तेजी से बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि इन गतिविधियों में शामिल लोगों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते कानून का डर समाप्त हो गया है। अखिलेश यादव ने भाजपा पर संविधान को कमजोर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि भाजपा सरकार आरक्षण के अधिकार को खत्म करने की कोशिश कर रही है और सरकारी नौकरियों एवं भर्ती प्रणाली को कमजोर करने की दिशा में रणनीति बना रही है। उन्होंने कहा कि सरकार झूठे और अप्रमाणित दावों का प्रचार करते हुए जनता को भ्रमित कर रही है और वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने का प्रयास कर रही है।

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उत्तर प्रदेश में आधार कार्ड से पिता का नाम हटने के बाद लर्नर डीएल पर संकट

25 अगस्त 2025 के बाद यूआईडीएआई द्वारा लागू की गई नई नीति के अनुसार आधार कार्ड में पिता का नाम अब दर्ज नहीं किया जाता, और यदि कोई आधार अपडेट कराता है तो उसके कार्ड पर पिता का नाम दिखाई नहीं देता। यही बदलाव अब परिवहन विभाग के आनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस सिस्टम में अड़चन पैदा कर रहा है।

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आधार कार्ड (फाइल फोटो)
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar27 Nov 2025 06:07 PM
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उत्तर प्रदेश में आधार कार्ड अपडेट प्रक्रिया में किए गए बड़े बदलाव के बाद लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हजारों लोगों के लिए मुश्किल हो गया है। 25 अगस्त 2025 के बाद UIDAI द्वारा लागू की गई नई नीति के अनुसार आधार कार्ड में पिता का नाम अब दर्ज नहीं किया जाता, और यदि कोई आधार अपडेट कराता है तो उसके कार्ड पर पिता का नाम दिखाई नहीं देता। यही बदलाव अब परिवहन विभाग के आनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस सिस्टम में अड़चन पैदा कर रहा है।

क्यों फंसा लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस 

लर्नर डीएल आवेदन पूरी तरह आनलाइन है। इसमें आवेदक को अपना आधार नंबर डालना होता है, और सिस्टम आधार से जुड़े सभी विवरण नाम, पता, जन्मतिथि, पिता का नाम आदि स्वचालित रूप से इम्पोर्ट करता है। लेकिन नया आधार डेटा पिता का नाम शामिल नहीं करता है। ड्राइविंग लाइसेंस सिस्टम फॉर्म पूरा करने के लिए पिता का नाम अनिवार्य मानता है। नतीजा यह होता है कि सिस्टम आवेदन को आगे बढ़ने ही नहीं दे रहा। इस तकनीकी असंगतता के कारण हजारों लोग आवेदन भरकर भी सबमिट नहीं कर पा रहेलखनऊ में स्थिति सबसे अधिक गंभीर

पिछले 90 दिनों में 5500 से ज्यादा आवेदन इसी वजह से अटक गए। आरटीओ/एआरटीओ दफ्तरों में हर दिन दर्जनों लोग शिकायत करने पहुंच रहे हैं। ट्रांसपोर्ट नगर आरटीओ में रोजाना 30 से 35 शिकायतें इस संबंध में आ रही हैं। देवा रोड एआरटीओ में 20 से 25 शिकायतें रोज आ रही हैं।

UIDAI का पक्ष पिता का नाम जानबूझकर हटाया गया

UIDAI के डिप्टी डायरेक्टर प्रशांत कुमार सिंह के अनुसार पहले आधार कार्ड में पिता का नाम पता सेक्शन में दिखता था

अब यह प्रारूप बदल दिया गया है। अब आधार अपडेट कराने पर केवल पता प्रिंट होगा। पहचान साबित करने के लिए पिता का नाम अनिवार्य पहचान तत्व नहीं माना जाता है। उन्होंने साफ किया कि जिन विभागों की योजनाएँ या सेवाएँ आधार से जानकारी लेती हैं, उन्हें अपने सिस्टम नए आधार फॉर्मेट के अनुरूप अपडेट करने होंगे। यूआईडीएआई विभागों को इस बारे में लगातार सूचना भेज रहा है।

परिवहन विभाग को हो रही दिक्कत 

ड्राइविंग लाइसेंस का आॅनलाइन सिस्टम अभी भी उस फॉर्मेट पर चल रहा है जिसमें पिता का नाम चाहिए। इसलिए नया आधार नंबर डालते ही सिस्टम पिता का नाम खोजता है। न मिलने पर फॉर्म अधूरा मानकर आगे नहीं बढ़ता। आवेदक लॉगआउट हो जाता है या डेटा इनकन्सिस्टेंट जैसी त्रुटि दिखाई देती है। फिलहाल आरटीओ भी आवेदन को मैन्युअली पूरा नहीं कर सकता क्योंकि पूरी प्रक्रिया आॅनलाइन है। समस्या उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है, जल्द समाधान निकलेगा और सॉफ्टवेयर अपडेट होगा।

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